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Tuesday, January 21, 2020

Cashless Claim Vs Reimbursement Claim -Health

Cashless Claims Vs Reimbursement Claims-Health


Cashless Claims Vs Reimbursement Claims-Health


हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बहुत ही कारगर साबित होती है अगर आप उसके अंदर क्लेम करते हैं. आम आदमी की जिंदगी में सबसे बड़ी मुश्किल खड़ी होती है जो वह किसी परेशानी स्पेशली जब वह किसी हेल्थ प्रॉब्लम्स की वजह से परेशानी में पड़ जाते हैं. लेकिन बहुत सारे लोगों को पता नहीं होता की इंश्योरेंस क्लेम कैसे करें. क्लेम सेटेलमेंट प्रोसेस को जानना बहुत ही जरूरी होता है अगर आपने अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस का cover लिया है. 



    क्या आप जानते हैं कैशलेस क्लेम क्या होता है? 

    कैशलेस क्लेम सेटेलमेंट फैसिलिटी होता है जब एक इंश्योरेंस कंपनी आपकी हॉस्पिटल के खर्चे को डायरेक्टली सेटल करती है. जिसमे  आपको पेमेंट करने की कोई जरूरत नहीं होती. हॉस्पिटल का सारा खर्चा इंश्योरेंस कंपनी सीधा हॉस्पिटल पे  करती है. आपके ऊपर बिल भरने का बोझ कम हो जाता है. जब भी आप हेल्थ इंश्योरेंस ले, इंश्योरेंस कंपनी से जान ले की किन-किन हॉस्पिटल मैं कैशलैस फैसिलिटी की सुविधा उपलब्ध है. यह सुविधा यानी कि preferred provider network(PPN) कहलाती है. जिस हॉस्पिटल में यह सुविधा उपलब्ध है आप वहां से कैशलैस फैसिलिटी की सुविधा पा सकते हैं.

    चलिए जानते हैं कैशलेस क्लेम और रीइंबर्समेंट क्लेम के बीच में क्या अंतर होता है

    Cashless Claim : - 


    • इस फैसिलिटी में आपको हॉस्पिटल के चार्जेस खुद से पे नहीं करना होता. इंश्योरेंस कंपनी सीधा खर्चा हॉस्पिटल को पे करती है. 
    • आपको सिर्फ नेटवर्क हॉस्पिटल जिसमें कैशलैस फैसिलिटी उपलब्ध है वहां से ही ट्रीटमेंट ले सकते हैं. इसमें क्लेम जल्दी सेटल हो जाती है. 


    Reimbursement Claim: - 



    • इसमें आपको मेडिकल का सारा खर्चा खुद से पहले पे करना होता है. उसके बाद आपको हॉस्पिटल का बिल इंश्योरेंस कंपनी में सबमिट करना होता है जिसके बाद इंश्योरेंस कंपनी बिल का खर्चा कैलकुलेट करके हॉस्पिटल को पे करती है. इस फैसिलिटी में आप किसी भी हॉस्पिटल से ट्रीटमेंट करवा सकते हैं.
    • लेकिन इसमें थोड़ा सा वक्त लगता है. 


    दोनों के बीच का अंतर जान के आपको यह तो पता चल ही गया होगा कि कौन सा फैसिलिटी ज्यादा बेहतर है. रीइंबर्समेंट फैसिलिटी के कारण आपको परेशानी हो सकती है. आप जब भी हेल्थ इंश्योरेंस लें दोनों के प्रोसेस को अच्छे से जान लें. एजेंट से सही सलाह मशवरा लेकर ही फैसला लें.


    Cashless Claim Settlement : - 


    आप एडवांस में इंश्योरेंस कंपनी को इन्फॉर्म कर दें अगर आप planned हॉस्पिटलाइजेशन कर रहे हैं. इंश्योरेंस कंपनी अपनी थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर को क्लेम प्रोसेस हैंडल करने के लिए रखती है. यह थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर आपकी और इंश्योरेंस कंपनी के बीच में क्लेम प्रोसेस करने में मदद करती है. आपको कुछ फॉर्मेलिटी जैसे कि pre authorisation form भरना होगा. जिसकी वजह से आपको फ्लेम के अप्रूवल में कोई दिक्कत ना आए और कंपनी claim डायरेक्ट सेटल कर दें.

    Reimbursement Claim Settlement : - 


    इस फैसिलिटी में आपको सारे खर्चे के बिल सही सलामत अपने पास रखना होगा. जब आप हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होंगे तब इसकी जरूरत पड़ेगी. इंश्योरेंस कंपनी इन बिल को वेरीफाई करेगी उसके बाद क्लेम सेटल करेगी.

    Conclusion

    इन सभी तरीकों में आपको सबसे ज्यादा ध्यान देने की चीज यह है कि आपको पॉलिसी डॉक्यूमेंट के सारे दस्तावेज अपने पास रखें और उसकी हर जानकारी सही तरीके से ले लें . क्लेम प्रोसेस को सही तरीके से समझे ताकि क्लेम सेटल  होने में आपको कोई परेशानी ना हो.

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